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सुभ नवरात्री २०२२ ! Shubh Navratri 2022

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh ja Live darshan 2022 (www.matanamadh.org)
https://youtu.be/I-lerKHDduE

जय माताजी !
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

धवा गिञेथी…

तान्का
*****
धवा गिञेथी
काया जी कुसराई
भजी विञेती
संत जे सत्संग थी
मन जी कुसराई
: वसंत मारू…चीआसर
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विगर खाधे काया नती हलॅ
त खासो खा
विगर कोछे वॅवार नतो हलॅ
त खासो कोछ
: वसंत मारू…चीआसर

Happy Raksha Bandhan

आजाधी जो अम्रुतोच्छव

गुरु किरपा सें

असाढी बीज जी लख लख वधायुं

अध्धा


🌹अध्धा🌹
पग ते व्यारे चाञ करे,
एनजो नालो अध्धा…
गाल गाल मे वेवार समजाय,
एनजो नालो अध्धा…
पांजो सुख दु:ख नेरे,
एनजो नालो अध्धा…
छडी खणी छांभ कढे,
एनजो नालो अध्धा….
हणी करे ने पोय पस्ताय,
एनजो नालो अध्धा…
पोय पासेमें व्यारे सरचाय,
एनजो नालो अध्धा….
पोय चाञ से मथे हथ फेरे,
एनजो नालो अध्धा…..
अध्धा वगर धोनिया अधुरी
*🌹Happy Fathers Day

धूणी रमाय गिन

धूणी रमाय गिन ध्यानजी,
कचरो बरी वेंधो कुडाईजो.
सचाई अची वेंधी सामें,
नें काठ निकरी वेंधो कुपाईजो.
“अगम”

जिंधगी

जिंधगी
——
मुंभइजा माडु कॅडी
जिंधगी गुजारीयें;

खें घरें त ओगार
ठेसनेंते वारीएं.

मनडो
——
सउं हले ज सिज उगाय,
ऊंधो हले त अंधेरी;

“तेज” चें एडो मनडो
छाल थीए म केंसे वेरी.

तंतर
—-
अज उड्घाटन में कतर,
स्वागत में आंटी;

“तेज” तंतर इं ज हलेतो,
कित फिटक कित डांटी

(कविजी चोपडी
“तेज-वाणी” मिंजा)

छिलांग

तॉजी वाट तें कोय
खडो करे त कॅनी
तूं नाराज न थीज
आभार मनी गिञ
वसंत ई ऊ आय
जुको तॉके छिलांग
मारे जो सिखायतो
*- वसंत मारू…चीआसर*