Kutchi Maadu Rotating Header Image

Posts under ‘Religion,Spirituality’

आऊं तिरंगो

Independence song First time in kutchchi language: आऊं तिरंगो🇮🇳on K3 kutchchi YouTube channel
गीतकार : मनीषा अजय वीरा ‘मन’
संगीतकार: जयेश नरोत्तम आशर
गायिकी: अंकिता जीगर देढीया, जयेश नरोत्तम आशर
कोरस: सुनील शरद विश्राणी, जयश्री राहुल देढिया, हरेश मुरजी गाला
डिरेक्टर: सुनिल शरद विश्राणी
एडिटर: मुकेश देढिया ‘मानव’
—————
*आऊं तिरंगो…..lyrics*

आऊं तिरंगो आजाधी सें फिरकांतो
‘जन गण मन’ राष्ट्रगान गाईंधे लॅरांतो
भारतीयें जे धिलमें आऊं राज कईंआतो
“वंदे मातरम्” “जयहिंद” नारा गजाईंधे
भारत जे ‘विजयपथ’ ते शानसें हलांतो

मूं धૉरो रङ सांती डियेतो
नें लीलो खुसीजो प्रतिक चૉवाजॅतो
केसरीयो तां तीलक थिई ने सोभेतो
नें ‘अशोकचक्र’ मईमा मूंजो वधायतो
आऊं तिरंगो आजाधी सें फिरकांतो

गांधी बोझ पटेल नहेरु तिलक जोरधार
लाला ते तां थेआ भारी लाठी अत्याचार
भगतसिंह सुखदेव राजगुरु फांसी चड्या वा
कच्छ जा श्यामजी कृष्ण वर्मा क्रांतिकारी वा
आऊं तिरंगो आजाधी सें फिरकांतो

छाभास आय जनम डींधल माइतरेंके
चाग઼लेंके रजा डींधे कारा असू न वतांया
मान आय सहीधेंजी कुरभानी ते
सन्मानसें ऊनींजी ननामी ते सुमांतो
आऊं तिरंगो आजाधी सें फिरकांतो

भ्रष्टाचार आतंकवाध के पाठ सिखाईंधॅ
डेसविडेस प्रगतीजी भारत जलें आय वाट
सुखसांती समृध्धीजा ‘मन’पाया खૉडीयांतो
डेसजी मिटी जी फोरुं धुनीयाभरमें फૉराईंयातो
आऊं तिरंगो आजाधी सें फिरकांतो

*मनीषा अजय वीरा ‘मन’*
मुंबई

First time in kutchchi language: આઊં તિરંગો🇮🇳on K3 kutchchi YouTube channel
ગીતકાર : મનીષા અજય વીરા ‘મન’
સંગીતકાર: જયેશ નરોત્તમ આશર
ગાયિકી: અંકિતા જીગર દેઢીયા, જયેશ નરોત્તમ આશર
કોરસ: સુનીલ શરદ વિશ્રાણી, જયશ્રી રાહુલ દેઢિયા, હરેશ મુરજી ગાલા
ડિરેક્ટર: સુનિલ શરદ વિશ્રાણી
એડિટર: મુકેશ દેઢિયા ‘માનવ’
—————
*આઊં તિરંગો…..lyrics*

આઊં તિરંગો આજાધી સેં ફિરકાંતો
‘જન ગણ મન’ રાષ્ટ્રગાન ગાઈંધે લૅરાંતો
ભારતીયેં જે ધિલમેં આઊં રાજ કઈંઆતો
“વંદે માતરમ્” “જયહિંદ” નારા ગજાઈંધે
ભારત જે ‘વિજયપથ’ તે શાનસેં હલાંતો

મૂં ધૉરો રઙ સાંતી ડિયેતો
નેં લીલો ખુસીજો પ્રતિક ચૉવાજૅતો
કેસરીયો તાં તીલક થિઈ ને સોભેતો
નેં ‘અશોકચક્ર’ મઈમા મૂંજો વધાયતો
આઊં તિરંગો આજાધી સેં ફિરકાંતો

ગાંધી બોઝ પટેલ નહેરુ તિલક જોરધાર
લાલા તે તાં થેઆ ભારી લાઠી અત્યાચાર
ભગતસિંહ સુખદેવ રાજગુરુ ફાંસી ચડ્યા વા
કચ્છ જા શ્યામજી કૃષ્ણ વર્મા ક્રાંતિકારી વા
આઊં તિરંગો આજાધી સેં ફિરકાંતો

છાભાસ આય જનમ ડીંધલ માઇતરેંકે
ચાગ઼લેંકે રજા ડીંધે કારા અસૂ ન વતાંયા
માન આય સહીધેંજી કુરભાની તે
સન્માનસેં ઊનીંજી નનામી તે સુમાંતો
આઊં તિરંગો આજાધી સેં ફિરકાંતો

ભ્રષ્ટાચાર આતંકવાધ કે પાઠ સિખાઈંધૅ
ડેસવિડેસ પ્રગતીજી ભારત જલેં આય વાટ
સુખસાંતી સમૃધ્ધીજા ‘મન’પાયા ખૉડીયાંતો
ડેસજી મિટી જી ફોરું ધુનીયાભરમેં ફૉરાઈંયાતો
આઊં તિરંગો આજાધી સેં ફિરકાંતો

*મનીષા અજય વીરા ‘મન’*
*મુંબઈ – બોરીવલી*

हलॉ करियुं गाल

अलग कच्छ राज्य : कीर्तिभाई खत्री साथे हकडी मुलाकात

कच्छ अलग राज्य भनायला आह्वान

कच्छ मे वधारेमे वधारेमे रोजगारजी तकुं ओभी करेला मिणीं कच्छीयें के अरज आय.
मिणींके कच्छी भासा मेज बोलेजी अरज आय.
जय कच्छ !

KachchhSeperateState_1611

(more…)

पंज महत्वजा कार्य पांजे कच्छ ला

पांजी मातृभूमी कच्छ, मातृभासा कच्छी ने पांजी संस्कृति ही पांला करे अमुल्य अईं. अज कच्छ में ऊद्योगिक ने खेतीवाडी में विकास थई रयो आय. बारनूं अलग अलग भासा बोलधल माडु प कच्छमे अची ने रेला लगा अईं. हॅडे वखत मे पां पांजी भासा ने संस्कृति के संभार्यूं ही वधारे जरूरी थई व्यो आय. अमुक महत्व जा कार्य जे अज सुधी पूरा थई व्या हुणा खप्या वा ने जे अना बाकी अईं हेनमेजा जे मिणीयां वधारे महत्वजा अईं से नीचे लखांतो.

१. चोवी कलाक जो कच्छी टी.वी.चेनल
अज जे आधुनिक काल में जमाने भेरो हले जी जरूर आय. अज मडे टी.वी. ने ईंटरनेट सुधी पोजी व्यो आय. हॅडे मे पांजा कच्छी माडु कच्छी भासा मे संस्कृति दर्सन, भजन, मनोरंजन, हेल्थ जी जानकारी ने ब्यो घणें मडे नेरेला मगेंता ही सॉ टका सची गाल आय. हेनजे अभाव में पांजा छोकरा ने युवक पिंढजी ऑडखाण के पूरी रीते समजी सकें नता. खास करेने जे कच्छ जे बार रेंता हु कच्छी भासा ने संस्कृति थी अजाण थींधा वनेंता.
कच्छी टी.वी.चेनल ते चॉवी कलाक कच्छी भासा में अलग अलग जात जा प्रोग्राम जॅडीते न्यूज, सीरीयल, हास्य कलाकार, खेतीवाडी जा सवाल जवाब, भजन, योगा,….नॅरेला मलें त कच्छी माडु धोनिया में केडा प हुअें कच्छ हनींजे धिल जे नजीक रॅ ने कच्छ प्रत्ये ने कच्छी भासा प्रत्ये गर्व वधॅ. भेगो भेगो पिंढजी ऑडखाण मजबुत थियॅ. ही कार्य मिणींया महत्वजो आय.
२. स्कूल में १ थी १० सुधी कच्छी भासा जो अभ्यास
अज कच्छ जे स्कूल में बो भासाएँ में सखायमें अचॅतो गुजराती ने ईंग्लीस. कच्छी भासा जे पांजी मातृभाषा आय ने घणे विकसित आय ही हकडी प स्कूल नाय जेडा १ थी १० धोरण सुधी सखायमें अचींधी हुए. कच्छी भासा जे उपयोग के वधारे में अचॅ त ही कच्छीयें ला करे सारी गाल आय ने स्कूल में सखायमें अचे त हनथी सारो कोरो. भोज, गांधीघाम जॅडे सहेरें में जेडा बई कम्युनीटी ( गुजराती,सींधी,हींदीभाषी,….) जा माडु प रेंता होडा ओप्सनल कोर्स तरीके रखेमें अची सगॅतो. १ थी १० क्लास सुधीजो अभ्यासक्रम पांजा कवि, साहित्यकार ने शिक्षक मलीने लखें त हेनके स्कूल में सखायला कच्छी प्रजा मजबूत मांग करे सगॅती. जॅडीते गुजरात, महाराष्ट्र,…. मे मातृभासा जो अभ्यासक्रम त हुऍतोज.

(more…)

ऋषि चिंतन जे सानिध्य में

आध्यात्मिक लाभ ज सर्वोपरी लाभ आय (कच्छी भाषा) ऋषि चिंतन जे सानिध्य में

Id Mubarak. Kachchhi Shayri

सुभ दियारी ! साल मुबारक !

नवे वरेजी लख लख वधाइयुं !
Happydiwali

सुभ नवरात्री २०१७ ! Shubh Navratri 2017

Navratri 2017
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh ja Live darshan 2017 (www.matanamadh.org)

जय माताजी !
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

कच्छीमे पंज डीं श्रीमद् प्रज्ञा पुराण कथा

गांधीधाम मे गणेश नगर मे मतियादेव मंडल द्वारा आयोजित 9 तारिकथी

http://kutchmitradaily.com/article.aspx?site_id=3&news_id=174735

सुभ नवरात्री २०१५ ! Shubh Navratri 2015 !

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh ja Live darshan 2015 (www.matanamadh.org)

जय माताजी !
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

सुभ नवरात्री २०१४ ! શુભ નવરાત્રી ૨૦૧४ ! Shubh Navratri !

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh jo Live darshan 2014 (www.matanamadh.org)

जय माताजी !
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

कच्छी प्रवचन. Kachchhi Pravachan

कच्छी गीत

Odha toji vat te au

Kunji toji …
(more…)