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सुभ नवरात्री २०२३ ! Shubh Navratri 2023

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh ja Live darshan 2022 (www.matanamadh.org)
https://youtu.be/I-lerKHDduE

जय माताजी !

या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

Navratri Vrat Recipes
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http://idiva.com/photogallery-ifood/12-vrat-special-recipes-to-prep-for-navratri/32381

गणेश चतुर्थी जी मिणींके शुभेच्छा

Kachchhi Ganesh Chaturthi

मास्तर डीं जीयुं वधाईंयूं

मास्तर
घरथी जुंढा थिई विनणूं पॅ नीसाड़
वाल वसांया वला असांजा मास्तर

एकडे एकथी बाराखडीजी जातर
ई सिखांया वला असांजा मास्तर

रमंधे भणंधेने वध्या असीं इगीया
पकल करांया वला असांजा मास्तर

संस्कृती ने सन्मानजी वाटतें हलेला
डिस वतांया वला असांजा मास्तर

इनीवट सिखी कईक अभके छूंएता
वडा भनांया वला असांजा मास्तर

न भुलज वसंत इनीजा ही उपकार
हींयू छिलांया वला असांजा मास्तर
– वसंत मारू… चीआसर
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🙏 मास्तर डीं जीयुं वधाईंयूं 🙏

सजो डीं संभारीयां

आवई आषाढी बीज – कच्छी साहित्य मंडळ (भोज) आयोजित कवि संमेलन Aashadhi Bij (Kavi sammelan)

अशाढी बीजजी घणें वधायुं 🍨 साल मुबारक!

कच्छी नउं वरे
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बीज जे चंधरतां आसाड उतरे,
पालर वडरें जे पडरेंतां नितरे.

कामाय डिसीनॅ वग઼डो पाछो वरे,
खेतर खिली खीडू઼एं के नૉतरे.

न्यारे इंधरलठके नॅ रण प्यो ठरे,
मॅनथ भेराभेर, माडू઼ मन जोतरे.

चૉपा चरॅं जीव मातर सौको परे,
तराके करे तिलक टुबण पिई तरे.

नयें वरेमें, कच्छी नईं आस भरे,
मोरजी पीछीसें नां चितर चितरे.

अमृताबा डी.जाडेजा.
तुंबडी कच्छ

वाजिया घिउं

वाजिया घिउं
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बाई मानी घडींधी वी वाजियॅ घिउंजी
ने, मिठास भिरधीं वी वाजियॅ घिउंजी

सीरोॅ, लपई, गोडपापडी लडूला डारा
बुसकार अचींधी वी वाजियॅ घिउंजी

घणें बाचका भरया हूंधा वा हटतें
चकीते पीसाई थींधी वी वाजियॅ धिउंजी

जुवार, बाजर, रतड, रता वाजिया
खाणपीणी हूंधी वी वाजियॅ घिउंजी

‘केतु’,डॅसी गुड,घॅ भॅरी भनें मिठाइयूं
बरूंकाई डिसांधी वी वाजियॅ घिउंजी.

केतना छेडा ‘केतु’

लियार जी

लियार जी🍒 लियारसे लेचॅली डाळ,*
*ने भतार 🍱भेगी डुंगरी जी पाळ,🧅*
*माटीजी थधी मखण वारी छाय,*
*डॅसी हॅनिके मठी भोख लगी आय.*
*तराजी पार मथा….थधो वा वेठो वाय,*
*माडी जे हथजी मानी निरांते खाय,*
*नॅमजी🌳 छाई में लाट नॅधंरजा😴 झोकां खाय,*
*उठी ने पोय खीर वारी खपॅ कडक चाय.☕*
*समये संभरे हि डीं अना भोलाणुं नाय,*
*नर चे हॅडी गामडेजी मझा शेर मॅ नाय.*

मनमें भरी

*तान्का*
मनमें भरी
हलनेंप्यो त मिडे
ई जॅर आय
सोणी नें कढी विजे
त लीलालॅर आय
– वसंत मारू… चीआसर

जुको पारखू आय

जॅंके कीं परख नांय
इनजे वखाण थी
संभारी नें हलज
जुको पारखू आय
इनजे मोन थी तूं
वसंत धिरजी हलज
– वसंत मारू… चीआसर