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कच्छी जॉक्स !

कोलम्बस अमेरीका जी शोध के ही गाल सच्ची आय
पण…..

जो होनजी बायडी कच्छ जी होइ त ?

केडा वनॉता

कें साथे वनॉता

कॉ वनॉता

पाछा कॅर अचिंधा

हॅडो परया वनेजी कोर जरूर आय

अइं न सोधिंधा त न हलधो

अइं पोरथ्वी जो भार खयांना

रोगो रोल्यो खपॅतो आंके

छेल्ले कटांडजी ने कोलम्बस चई डने वें ….

नाय वनणु केतेय
माफ़ कर मुंके
आउ धोकान तेज वइ रयांतो 🙂

“वोटसअप” तें अंहीयें

समय समय जी गाल आय ,
पॅला माडु पोछधा वा कीं अंहीये,
ने हाणें पोछेंतां “वोटसअप” तें अंहीयें

हीली मीली …

हीली – मीली ने हलो मेणीं सें ,

कडवो बोली नें फेटायो न कें सें ,

कोरो खबर केर गरज पे कें सें ,

जीयुं नें बें कें जीयेलां दियुं सुख सें ,

जीयुं त कींक ऐडो जीयुं प्रेम सें,

के हलें वेनें पोय धोनीयां याद करे नांले सें …..

कच्छी में लखांतो

कच्छी में लखांतो
*************

ब पैसा खटेला परदेस में वसांतो
छता प घडी घडी कच्छला लोछांतो
परदेस में रही मॉज मजा करीयांतो,
छतां प कच्छके सेकांतो,
मेलें को कच्छजा माडु त,
होंसें हेंसें कच्छजा वावड पोछांतो
मन में अंघरो अंधऱ कच्छला रुवांतो
अेतरे कच्छजी कविताउं कच्छीमे लखांतो
**** जियॅ पांजो कच्छ ****

मां

मां के न नडे तुंकारो,
क न नडे जीकारो,
को के मां आय व्हाल जो धरीयो ।

मां जे खोरे मे आय सोख जो सागर ,
मां जे खोरे मे नेढां लगे डोख जा डुंगर ।

मां जी ममता जो नांय की मोल,
मां जी ममता आय अनमोल ।

Reference : Whatsapp

सुभ दियारी ! साल मुबारक !


सुभ नवरात्री २०१५ ! Shubh Navratri 2015 !

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh ja Live darshan 2015 (www.matanamadh.org)

जय माताजी !
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

खासाई !

न वडाई कम अचींधी
न पकाई कम अचींधी,
आखर ता पांके पांजी
‘खासाई’ कम अचींधी.

कच्छजो मीं !


मिणीं कच्छी भावरें नेे भॅणें के वधायुं. नाराण सरोवर ने हमिरसर तरां आॅगनाणूं

आवई आसाढी बीज …. कच्छी नाटक “हलॅ त गडो नकां भर लडो”



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