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मन पोखींधे सांईं मिले

कण पोखींधे धांईं मिले,
पल पोखींधे छांईं मिले,
पोखींधल थ्या न्याल जेंके
मन पोखींधे सांईं मिले
– गुलाब देढिया
કણ પોખીંધે ધાંઈં મિલે,
પલ પોખીંધે છાંઈં મિલે,
પોખીંધલ થ્યા ન્યાલ જેં કે
મન પોખીંધે સાંઈં મિલે
– ગુલાબ દેઢિયા

उ नंढपण जा डीं

शियारे ठरों ने ऊनारे बरों,
भजों चोमासे जेर वसे मठडो मीं,
कडा व्या कडा व्या उ नंढपण जा डीं.

माडी जे खोरे में खल्धे ओछर्या ते,
अधाजी उ आंगर जलेने फर्या ते
धोस्तारें भेरा धूळें में रम्या ते
न जेडी को गालें रमधे वड्या ते
छण्या आखड्या ते, न थींधो वो कीं,
कडा व्या कडा व्या उ नंढपण जा डीं.

डाडी ने नानी व्हालप वरसाईएं
मखणने मानी ध्रोसट खाराईएं
वार्ताउं सोणाईएं मठा गीत गाईएं
संस्कारें जा पाठ भेरा भणाईएं
निशारें में भणतरने घडतर वई जीं,
कडा व्या कडा व्या उ नंढपण जा डीं.

तराज्युं उ पाळुं तें ते वडलेजी डाळुं
हिंचका प्या खायुं जले वडवडाईयुं
तरामें तरों ने ठेंक्युं तें वायुं
कागळजी होळ्युं छेलें में तरायुं
नईयुं ने नाळा छलोछल वा जीं,
कडा व्या कडा व्या उ नंढपण जा डीं.

घना कोटींबाने मोंगेंजी फर्युं व्युं
आमा ने जांबु खट्युं आमरीयुं व्युं
रता बेर चणीया लीयारेंज्युं लेरुं
अथाणें में मर्च्युं बजोरा ने केरीयुं
मठी छाय मानी खीचडी ने घी
कडा व्या कडा व्या उ नंढपण जा डीं.

गाभा चरायुं ने धोळुं कढायुं
गरीयाने पाईया रजा में फराईयुंं
मेळा अचें ने धलडा मचें तेर
रंगे उमंगे मौजुं उडाईयुं
ओगे ने ओलेजी खबर वई न कीं,
कडा व्या कडा व्या उ नंढपण जा डीं.

परो जो जंधर तें डारा डराजे
छाय मंग ध्रुस्का सोणी मन भराजे
हेलुं खणी जेडलुं पाणी भरीएं
धीलजी कीं गाल्युं कूवे कांठे करीएं
ओलथे पोआ ओटेतें मेळा वा जीं,
कडा व्या कडा व्या उ नंढपण जा डीं.

नढपण हल्यो व्यो त निरधोस्ता वई,
वडा थ्या त धलमें स्वारथता आवई,
नंढपण जटे ने कोला तुं वडो के?
धोनियाजे वेवारें में तुं मोठो के
सोनेरी ऊ डीं वरें पाछा कीं?
कडा व्या कडा व्या उ नंढपण जा डीं.

शियारे ठरों ने ऊनारे बरों,
भजों चोमासे जेर वसे मठडो मीं,
कडा व्या कडा व्या उ नंढपण जा डीं…..

Reference :whatsapp

सुपर हीट कच्छी गीत

जॉक्स : सफरजन वेंकेला…

जमाई सावरें घरवारी के कोठे ला व्यो…
नेकर्या तेर सस एकावन ऋपीया सोखडी डेने…
जमाई (रस्ते में) : जानु तोजी मम्मी ला… हेकडो सो एंसी जा सफरजन गेनी आयो हो… थोडो त ख्याल क्यो खपे जमाई अईंया आ….. ठला एकावन ऋपीया…. !!!
घरवारी (खार में) : ही वरी कोरो !!! जान…हेतरी गाल ला तोके…. चटे वेई.. मुजी मम्मी ला कीं प न बोलेजो हा……
तुं मुके कोठेला आवे होय क….
सफरजन वेंकेला…..
Reference: Whatsapp

कच्छी भासा अतरे

कच्छी भासा अतरे……?
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ऋक्क जेड़ी नक्कर सक्कर जेड़ी सीरीवारी,
अक्कड़ अनोखी अति गति रामबाणजी,
कुछेमें कड़क कच्छी पाणीजे कड़ाके वारी,
विजजे वराके जेड़ी जोत जिंधजानजी,
ताजी घोड़ो छुटे तुटे तोपजो गलोलो तेड़ी,
“काराणी” चे चोट कच्छी वाणीजी कमानजी

:कवि काराणी

सवार ओगइ सारी… :)

ढगा जोपाया सीम ला,
मथे वधा भतार भारी…

सीम न लजे मुके,
हाणे थइ मोसीबत  भारी..

फोन करे पोछयो अधा के,
अधा सीम कदा आय पांजी..

अधा वठोओ ओटे गामजे,
नोटरम जमइ होइ बोरी..

फोन सोणी अधा ओपळ्यो,
लख लख जीयु दने चार गारीयुं..

ओठ जेदो थे तोय सीम
न लधे पांजी..?

थकी हारी आयो आउ पाछो,
खेळ वगरजी सीम रइ सारी..

अधा अचींधो अदो कढधो,
करींधो मगज मारी बोरी…

ब माडुंएजो भतार खाइ,
नंधरुं कयुं आउ भारी…

केजी सीम केडा ढगा केजो अधा,
रात वइ सवार ओगइ सारी..!!

Reference : Whatsapp

कच्छीमे पंज डीं श्रीमद् प्रज्ञा पुराण कथा

गांधीधाम मे गणेश नगर मे मतियादेव मंडल द्वारा आयोजित 9 तारिकथी

http://kutchmitradaily.com/article.aspx?site_id=3&news_id=174735

कच्छी शायरी जी जलक

सरम वगर जी बायुं नकांमी
ने व्यसन वारा भा नकांमां,

प्राण वगर जी काया नकांमी,
ने मर्ये पोय ही मळे माया नकांमी

लागणीं वगर जा माडु नकांमां
ने नीती वगर जा नाणां नकांमां

मकान वगर जी बारी नकांमी,
ने अाखो डीं वोट्सअेप मे चोटी हुए
हेडी बायडी नकामी

विनय वगर जो ऋप नकांमु,
अने पां वगर ही ग्रुप नकांमु …

Reference : WhatsApp

कच्छ जो प्रवास

KachchhJoPravas1

Kachchh Jo Pravas 2

ध्यान थी वाचिजा भला

*शब्द कच्छी में अईं।*
*ध्यान थी वांचिजा भला*

*वॅर*
*वैभव*
*व्यसन*
*अने व्याज*

*व्हाला थई ने*
*करिंधा ताराज*

*हिनिंके वधारिंधा त*
*वनाइंधा लाज*

*अने घटाडिंधा त*
*करिंधा राज*