Kutchi Maadu Rotating Header Image

मिणींके शुभ डियारी ! साल मुबारक !

🎊🍨🌸
नये वरेजी लख लख वधाईयुं
🎊🎁
Happy New Year !
🍬 🕉️

अैयुं माडु

अैयुं माडु

अैयुं माडु मानवता
संभारियुं,
जात माडुजी जगमें
निखारियुं,

रखी धिलजी खडकी
में प्रेम डीयो,
पांजे अंतर जो
अंगण उजारियुं,

ध्रोय वेर नें,
विख जा मकान;
लाट लागणीजी,
भुंगी भनाइयुं.

वढे लोभ अने,
लालचज्युं जडुं;
कूडे करम जे,
कंढे के बारियुं.

अचे अमृत जी आव,
छिले धिल;
सचे आचारें के,
ज आवकारियुं.

छडे सवारथ जो,
सहेर “जयु” हल;
पांजे गामडेमें,
जींधगी गुजारियुं.

-जयेश भानुशाली “जयु”

मिणींके शुभ नवरात्री ! शुभ दशेरा!

Matajo madh Live
www.matanamadh.org
जय माताजी !

या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

Navratri Vrat Recipes —————————-

http://idiva.com/photogallery-ifood/12-vrat-special-recipes-to-prep-for-navratri/32381

कच्छ मोलक

डान,धरम नॅ डयाजी
डॉलत सें भर्यो ही
कच्छ मोलक पांजो कॉडीलो
मान पान ने मोडसाई
मॉभत भर्यो आय
हिक हिकडो कच्छी मॉजीलो

अमृताबा

मोभाइल जे ऑटे ते

वीयारुं करीने अचो,मोभाईल जे ऑटे ते
निरांत भरीने अचॉ, मोभाइल जे ऑटे ते

डोसा डोसी पांजा सजी जमार विठा
उ जाध करीने अचो,मोभाइल जे ऑटे ते

सीम सेड़े जा कम, थकया पकया वे भारी
विगर थकीने अचो,मोभाइल जे ऑटे ते

घरमें जेणा जितरा मोभाइल हले ईतरा
फेसबुक छडीने अचो,मोभाइल जे ऑटे ते

कांत नाय गाडी घोड़े जिलेजी चिंधा
घर खणीने अचो,मोभाइल जे ऑटे ते

:कांत

बोजांतो

बोजांतो
——–‐—–

संत निइया त कोर थओ
धरम करम जा पंध बोजांतो
अखींएं जे आरीसे केतरा
लज़ सरम जा बंध बोजांतो
साधु थे पोय साध भने सें
जींयण जंग भनी पॅ जानी
डुखड़ा सिइने जग़ में रिइने
कीं ग़नणू आनंध बोजांतो

🙏🏻✍✍✍🙏🏻
नेणशीं भानुशाली जानी

इगीया थी तूं

इगीया वधेला संघर थी तूं!
वाट भधली सधर थी तूं!
सुकल भोमकाके भिजायला,
मिठे नीरजो वडर थी तूं!
कामण कजरारी अखीयें जो,
आंञण अखजो सखर थी तूं!
थधी थधी थधकार डिईने,
फुल मथे विलजो अतर थी तूं!
भाग(निसीभ) तॉजो लिखेला करी
कोरे कागर ते लिखांधल अखर थी तूं!
कवयित्री : भारती गडा

छिले प्यो !

छिले प्यो !

माडी कींक एड़ो कर, हमीरसर छिले प्यो,
वडे बंध जी आव नेरे नें , ई खिले प्यो.

मीं वसेतो ओण, मूंजे वतन तें लज छडे,
लपई चुल तें चडे, वधाई डेती तडें.

कडेंक वोक-वे तें, हि सरोवर टिले प्यो,
वडे बंध जी आव नेरे नें, ई खिले प्यो.

नातो ईनसें आय, मूंजो जनमो जनमजो,
डंको वजेतो भुजमें जलदेवता-धरमजૉ.

पंज नाका ने छठ्ठी बारी तें, ई मिले प्यो,
वडे बंध जी आव नेरे नें, ई खिले प्यो.

धिलसें वलो भुजवासीएं के ,हि तरा,
ज मीं राजी होय त भले नें पें धोरा करा.

छतेडी तें विठो वे ,पग पखारे हिले प्यो,
वडे बंध जी आव नेरे नें, ई खिले प्यो.

*** -कृष्णकांत भाटिया ‘कान्त’

पोछा करीजा

🙏🏻पोछा करीजा🙏🏻

केर थकी प्यो केर मतो? पुछा करीजा
कोय भुख्यो रे त नतो? पुछा करीजा

कम जेंजा भंध अइं ऊ कीं करींता?
घर में आय अटोभतो? पोछा करीजा

सरम सेड઼े रखी पेट भरे जा डीं आया
सरम जे गारे केर गतो? पोछा करीजा

हथ लमूं न केंओ जिनी जिंधगी में
ऊ कीं रखेंता मों रतो? पोछा करीजा

धवा करींधल खुध धरधी थिइ प्या
कढण उनीजो अतोपतो पोछा करीजा

✍✍✍✍✍
नेणशीं भानुशाली जानी

भा भेण

भा भेणजो ( राखड़़ी पूनम)

नातो वडो धुनीआमें, भा भेणजो वेंतो
कचे सूतर तंधेमें, रिख्याजो बर वेंतो
निंगरी निढेथे वडी थै, वै पिन्ढजे घरे
भा जी चिंधा जिंधमें,रिख्याजो बर वेंतो
हथ लगे भेणजो, तडॅ भा धिलमें मुरकेतो
धुवा भराजें कांढेमें,रिख्याजो बर वेंतो
भारतजी संस्कृतिमें,भा धोड़े भेणजी वारे
सबंध कचे डोरेमें,रिख्याजो बर वेंतो
कांत भागसाड़़ी उ अईं, अची भेणुं खिले
प्रेम न जोखीए पलेमें, रिख्याजो बर वेंतो

रिख्या= रक्षा
: कांत