दोस्त दिलेर ..
वला मुंजा
बधे न रखाॅ धन माल
ख्याॅ खारायाॅ
ने खॅरात कर्याॅ
कें डेठ्ठी आय काल
सहारो
*****
भनी सगुं त केंजो क सहारो भनुं,
केंजे क जीवन जा तारणहार भनुं ,
जीवन त हकडे वडे झाड जॅडो आय ,
कोइ क निर्दोस पंखीडे जो माडो भनुं ,
मंझील ने ध्येय मेणीं जे जीवन में वेंता,
कोइ क जीवनसाथी जो सथवारो भनुं ,
धिल थी धिल मेंलॅ ई त प्रॅमी अें जी रीत आय,
पण कोइ क प्रॅमाणधिल जो धिलदार भनुं ,
“श्रवण” जेडा त पां न चॉवाजुं,
पण पां पांजे माँ बाप जो सहारो भनुं
******
ભની શગું ત કેંજો ક સહારો ભનું ,
કેંજે ક જીવન જા તારણહાર ભનું ,
જીવન ત એકડે વડે ઝાડ જેડો આય ,
કોઈ ક નિદૉષ પંખીડે જો માળો ભનું ,
મંઝીલ ને ધ્યેય મેણીં જે જીવન મેં વેતાં ,
કોઈ ક જીવનસાથી જો સથવારો ભનું ,
ધિલ થી ધિલ મેંલે ઈ ત પ્રેમી એ જી રીત આય ,
પણ કોઈ ક પ્રેમાળધિલ જો ધિલદાર ભનું ,
“શ્રવણ” જેડા ત પાં ન ચોવાજું ,
પણ પાં પાંજે માઁ – બાપ જો “સહારો” ભનુ .
लखपत
।। लखपत ।।
*लखें जो लोडार, लखपत।
भारत जो पेरेधार, लखपत।
* कोटेसर कटेसर मड माता जो।
नारणसरजी पार, लखपत।
* लालछता ने पीर सावलो।
नानक जो धरबार, लखपत।
* कडे कमाणीयुं थइ लखें जी।
कडे भनी वीठो भेकार, लखपत।
* कारी खाण्युं कोलसें वारी।
लायटें जो चमकार लखपत।
* न चरो चोपें के पाणी पीतेला।
डीठा कंइक डुकार, लखपत।
* धरती रूपारी धांय घणा थींये।
जडे मीं वुठो श्रीकार, लखपत।
*भाडरो सांध्रो नरो गोधातड।
पोख जा आधार, लखपत।
* मेंयु गोइयुं जा खीर ने मावो।
भनी वयो शाउकार लखपत।
* धवाखाने मे धागतर न’वे।
मास्तर वगर जी निशार, लखपत।
* मधध बार जी कडे प न मीले।
मालिक ते ऐतबार, लखपत।
* गीने वारा गीने भले तोजे नां ते।
डिनो वारो अंइ दातार, लखपत।
* “जय” ऊथों पां भेठ भंधे ने।
धुनिया के चों ” न्यार, लखपत।
मुंजे मनजी गाल !
*************
न वाद खपॅ न विवाद खपॅ
पांके त बस,पेंढमे प्रेमभाव खपॅ
न नाम खपॅ न तख्ती खपॅ
पांके त बस “माँ” जी भक्ती खपॅ
न पद खपॅ न मान खपॅ
पांके त बस पांजो संगठन खपॅ
न सायर खपॅ न वख्ता खपॅ
पांके त बस पांजी अेकता खपॅ
जय माताजी !
जय कच्छ !
*****************
પાંકે ત બસ, પેંઢ મેં પ્રેમભાવ ખપે……
ન નામ ખપે,ન તખ્તી ખપે
પાંકે ત બસ,”માં”જી ભકત્તી ખપે……
ન પદ ખપે ,ન માન ખપે
પાંકે ત બસ, પાંજો સગઠન ખપે…….
ન શાયર ખપે,ન વકત્તા ખપે
પાંકે ત બસ,પાંજી એકતા ખપે……
सुभ नवरात्री २०१६ ! Shubh Navratri 2016

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||
Mata je madh ja Live darshan 2016 (www.matanamadh.org)
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
—————————-
http://idiva.com/photogallery-ifood/12-vrat-special-recipes-to-prep-for-navratri/32381
मिडे कच्छी मात्रुभासा कच्छीज बोलें
वधारे डिटेल नॅर्यॉ