कडवो बोली नें फेटायो न कें सें ,
कोरो खबर केर गरज पे कें सें ,
जीयुं नें बें कें जीयेलां दियुं सुख सें ,
जीयुं त कींक ऐडो जीयुं प्रेम सें,
के हलें वेनें पोय धोनीयां याद करे नांले सें …..

कडवो बोली नें फेटायो न कें सें ,
कोरो खबर केर गरज पे कें सें ,
जीयुं नें बें कें जीयेलां दियुं सुख सें ,
जीयुं त कींक ऐडो जीयुं प्रेम सें,
के हलें वेनें पोय धोनीयां याद करे नांले सें …..
ब पैसा खटेला परदेस में वसांतो
छता प घडी घडी कच्छला लोछांतो
परदेस में रही मॉज मजा करीयांतो,
छतां प कच्छके सेकांतो,
मेलें को कच्छजा माडु त,
होंसें हेंसें कच्छजा वावड पोछांतो
मन में अंघरो अंधऱ कच्छला रुवांतो
अेतरे कच्छजी कविताउं कच्छीमे लखांतो
**** जियॅ पांजो कच्छ ****
मां जे खोरे मे आय सोख जो सागर ,
मां जे खोरे मे नेढां लगे डोख जा डुंगर ।
मां जी ममता जो नांय की मोल,
मां जी ममता आय अनमोल ।
Mata je madh ja Live darshan 2015 (www.matanamadh.org)
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
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