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कच्छी जॉक्स !

कच्छी बापा to कच्छी डुसी माँ

“हेकड़ा हेकड़ा रोयुन्ता,
प्रेम में आजे पोयुन्ता,
I Love you तडे चोयुन्ता”

कच्छी डुसी माँ to कच्छी बापा
“गाल्यु हेड्यु ठाय म,
खोटा बेर लाय म,
थिन्धो तोजो की न,
खुट्यु लेबूं वाय म…

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.! kUTCHI BOY ” :
toke neriya to ne dharti te chand dasje to …
toke neriya to ne dharti te chand das che to.
….wah wah…!!:
KUTCHI GIRL “”
mua meethe mora ..dhagaa..!vevli jo na thi..,
joda pondha ta…TARA pan dasaindha …:
..wah wah ….!!!

सुभ दिवारी ! साल मुबारक !

हेन नवे वरे
आँजो धन वधे,
सोख वसे,
केर न आंके कड़े रसे.

काजू ख्यो
पेसता ख्यो
भेगा भधाम ख्यो

वडे वडे स्टेज ते व्यों
सारा सारा भजन ग्यो
तोय असां जेड़े नेढे
माडुए भेगो व्यो.

कच्छी माडू असीं
बाजर जी मानी खियुन्ता
वट करे घाटी छाय पियुन्ता
सचे धेल थी नवे वरेज्यूँ
शुभ कामनाऊं दियुन्ता….

साल मुबारक…. साल मुबारक….. साल मुबारक
जय माताजी!

जय कच्छ!

Kachchh Rann Utsav : Kachchh nahi dekha to kuch nahi dekha

सुभ नवरात्री २०१४ ! શુભ નવરાત્રી ૨૦૧४ ! Shubh Navratri !

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh jo Live darshan 2014 (www.matanamadh.org)

जय माताजी !
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

कच्छी प्रवचन. Kachchhi Pravachan

कच्छी कविता : मंध्धी में अंध्धी

Kachchhi Drama By Kachchh Yuvak Sangh : Part 1

Kachchhi Remix

कच्छजो गोलाडो गाईंयां

साल मुबारक ! Saal Mubarak