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सुभ दीवाली ! साल मुबारक !

कच्छी चोवक : जॅड़ा घरवारा तॅड़ा मॅमाण

हिकड़े सेठ जे घरें मॅमाण आयो. ई अगाड़ जो जिमेटाणें ज आयो. घरवारा मानपान डइने मिल्या कुसल पुछीने विठा इतरे सेठ च्यों. मॅमाण
जिमीने आया हुंधा इतरे पाणीजो करसीयो भरी अचॉ. तडें मॅमाण कुछयो मिंज डनण विजंधा अचीजा. ईं वतायला ज डनण प क्यो नांय त जिम्या
क्यांनुं हुवों ? अेड़ो धस्तुर आय ज डनण के पुठीया ज कीं पण मों मे विजाजे.
इतरे घरवारें के फरजियात मॅमाण के जिमाड़मुं प्यो. ब्यो कोय हुवॅ त सेठजी गाल सॉणीने पाणी पीने हल्यो विने. पण ही मॅमाण
घरवारें जॅड़ोज हुवो. इतरे चॉवाणुं “जॅड़ा घरवारा तॅड़ा मॅमाण”
कच्छी में चोवक जो अर्थ: लेखक अरविंद डी.राजगोर

शुभ नवरात्री २०१३ ! શુભ નવરાત્રી ૨૦૧૩!

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||
Mata je madh jo Live darshan 2013 (www.matanamadh.org)
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

कच्छजो मीं

कच्छ मे मीं मॉडो आयो प खासो आयो. छॅले अठवाडेमे सारो वरसाद प्यो आय ने हमिरसर तरा भराई व्यो. वरसाद जे पाणी से पांजो कच्छ कॅडो खासो लगॅतो से नॅर्यॉ

आंजी कीडनी भचायॉ : આંજી કીડની ભચાયો

ડો. સંજય પંડ્યા દ્વારા લખેલી ચોપડી “આંજી કીડની ભચાયો”
વેબસાઈટ મંજા આંકે મલધી…

Website : KidneyinKutchi.com

કીડનીજે બારે મેં સેલી ભાસામેં ખરચ વિગર મળે માહિતી.

કીડની ભરાભર રખેલા કરે બોરીજ કમજી સલા.

કીડની ફિટંધી અટકાયલા કરે ગીનેજી સારસંભાર.

કીડનીજે ઘરઘ જે બારેમેં ગેરસમજણ મીટાયેલા જુદી જુદી જાણકારી.

ડાયાલિસિસ ને કીડની ટ્રાન્સપ્લાન્ટેસન (કિડની ભધલાયજી) સારવારજી માહિતીને સમજણ.

કીડનીજે ઘરધીએજે ખોરાક જે આયોજન મે જરૂરી કીરી ને ખોરાકીજી પસંદગીજી વિગતવાર સમજણ.

प्लास्टिक

जबले में दूध मिले, जबले में चाय..
जबले में घारु मिले, जबले में छाय..
जबले में साकभाजी, जबले में गांठीया..
जबले में ‘रोटी’ मिले, भेरा चटणीने भजीया..
रंज को आड़े नतो, खें अॅठ भेरा जभला..
पोय रिबाई मरें, पांजा जीव अबोला..
हटमें प्लास्टिक, प्लास्टिक होटल में…
पाणीजी पाऊच मिलें, पाणी मिले बोटल में..
वेफर प्लास्टिक में, प्लास्टिकमें बिसकीट..
भजर-चुन भेरा, गुटकेला ई ज प्लास्टिक..
निसाणमें प्लास्टिक, मिंधर में प्लास्टिक..
बगीचे में प्लास्टिक, जाडी-जांखरे में प्लास्टिक..
घरमें प्लास्टिक, घर बारां प्लास्टिक
जित डिसॉ- जडें डिसॉ, प्लास्टिक – प्लास्टिक..
हाव-भाव प्लास्टिकजा, प्लास्टिकजी वाणीं..
खिल खोटी प्लास्टिकजी, ‘दास’ माडु कंईयें जाणीं…
: पी. जी. सोनी ‘दास’

अय मींयड़ा !

अय मींयड़ा !
वले वतनतें,
आया वठेजा डीं मूंजा मिठड़ा !
वस, हाणें तुं वस अय मींयड़ा ! … वले वतनतें..
पखी पारेवडा आस करीने ,
वनमें विठा अइं , तुं डिस मींयड़ा ! … वले वतनतें..
खेडू खेतर खेड़ीअें पिंढजा,
वसी पुसाय, तुं पट मींयड़ा ! … वले वतनतें..
जोतर बधीनें ढगा जुपायें,
पोखेंके डॅ, तुं जस मींयड़ा ! … वले वतनतें..
गोंइयें मैंयेंजा धण अैं सुनां,
धा पाणी तां डिइ विन मींयड़ा ! … वले वतनतें..
छायजो छमकारो गजे गोठगोठ,
बाजरजी मानीतें, मखण गच मींयड़ा ! … वले वतनतें..
धरातें उतरइ “देव” हेली हरखजी,
तुं खणी आवें आनंध वस मींयड़ा ! … वले वतनतें..
: वेरसीं मातंग “देव”

खेतर खपॅ तो … :) !

कच्छी कॉमेडी फिल्म खेतर खपॅ तो !

असाढी बीज ने नवे वरेजी मिंणींके घणें वधायूं !

मुधेंजी ग़ाल

अईं मातृभासा छडेजो चॉयॉता !
ग़ाल तां मुधेजी आय !
अइं मा जो धावण छडायॉ ता !
ग़ाल तां मुधेजी आय !

माजी कुखमें वा तॅर तां,
मा कुछई ते सेज सॉयां ते,
जनमे नूं मॉर , मिलेती निसीभमे “मातृभासा”
हाणें ईनके छडणी वॅ त,
हिकड़ो साव सॅलो रस्तो आय.

माजी कुख मिंजा न, डायरेक्ट टेस्ट ट्यूब मिंजा पॅधा थीजा ,
टेस्ट ट्यूबके कोय “मा” नती वॅ,
टेस्ट ट्यूबके कोय मातृभासा नती वॅ,
टेस्ट ट्यूबके धावण नतो वॅ,
आसाढ नें श्रावण नतो वॅ.

आंके ई सींभाय त
ग़ाल तां मुधेजी आय !

: कवि गुलाब देढिया (कच्छी कविता संग्रह “रांध” मिंजा)