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Posts from ‘July, 2020’

प्रेम करियुं

गझल

हलो हाणे खिल सें प्रेम करियुं,
फूड छडयो,धिल सें प्रेम करियुं.

वडर नतो वसे, सिकाय प्यो पे,
पन तें विठी, विल सें प्रेम करियुं

मानी मिठी लगधी सकर जॅड़ी,
कढयो सट , मुल सें प्रेम करियुं.

तावडी तपेती तडे,मानी पचेती,
गाल सची, चुलसें प्रेम करियुं.

खिलेंता नें रभ जे पगेंमेँ छणेता,
खुसभू डींधल, फुलसें प्रेम करियुं.

-कृष्णकांत भाटिया ‘कान्त ‘

ATM

तान्का

मा ने पे पाला
A.T.M. भनॅता त
मायतरे ला
पा आधार कारड
न भने सगु कुरो

~ हिना भेदा
तान्का(Tanka) अने हाईकु मूर जापान जा काव्य प्रकार अंइ जोको अज विश्व जी मिणी सम्रुद्व भासाओ में प्रचलित अंइ . तान्का ५-७-५-७-७ श्रुति में पंज पंक्ति जो काव्य आय *.मेटसुओ बाशउ (१६४४-१६९४) तान्का जी पॅली त्रे लाइन *५-७-५ गिनी होककुं नां डई रजु कें जेंजो अरथ थीये तो प्रारंभिक कडी जेंके १९ मी सदी जे उतरार्ध में माशाओका शिकि हाईकु (Haiku) नां डई प्रचलित कें. √b संकलन : CA विज्ञेश भेदा

मजां अचॅ नती

मजां अचॅ नती

थोड़ो थोड़ो वसे मीं , मजां अचॅ नती
श्राण हल्यो विनधों ईं, मजां अचॅ नती

हिकड़ो कोरोना जो ध्रा,ने सिरकारी आधेस
त्रे गजे रमाजे कीं, मजां अचॅ नती

टवेन्टी टवेन्टी किना वधे,त्रे पने जी रांध
पोड वडो भराजे जीं, मजां अचॅ नती

वीरपसली विई ,अचॅती सातम आठम
भांढरुं विठा भनी सीं, मजां अचॅ नती

हकलू हलाई थको,तॉय कॉय अचॅ नतो
कांत मड मड कढे डीं, मजां अचें नती

:कांत

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