Kutchi Maadu Rotating Header Image

Posts under ‘Festivals’

मिणींके हॅप्पी होरी

गर्व मुजी कच्छी ते

गर्व मुजी कच्छी ते

बोलणुं कच्छी
लिखणुं कच्छी
हलणुं कच्छी
वेणुं कच्छी
खाणुं कच्छी
पियणुं कच्छी
रमणुं कच्छी
सुमणुं कच्छी
नॅरणुं कच्छी
मिठास कच्छी
खारास कच्छी
धोस्ती कच्छी
धुसमनी कच्छी
मेनत कच्छी
सुरो कच्छी
बरुंको कच्छी
सफड कच्छी
गुरधल कच्छी
पिरेमी कच्छी
वतन कच्छी
जीत वे कच्छी
मेडावो कच्छी
‘सुरु’ कच्छी
गर्व से चॉयॉ
आऊं कच्छी

मातृभासा डीं जी मिणीके खूब खूब वधाई

सुरेन्द्र हरीआ ‘सुरु’
भोजाय

अलग कच्छ राज्य : कीर्तिभाई खत्री साथे हकडी मुलाकात

कच्छ अलग राज्य भनायला आह्वान

कच्छ मे वधारेमे वधारेमे रोजगारजी तकुं ओभी करेला मिणीं कच्छीयें के अरज आय.
मिणींके कच्छी भासा मेज बोलेजी अरज आय.
जय कच्छ !

KachchhSeperateState_1611

(more…)

पंज महत्वजा कार्य पांजे कच्छ ला

पांजी मातृभूमी कच्छ, मातृभासा कच्छी ने पांजी संस्कृति ही पांला करे अमुल्य अईं. अज कच्छ में ऊद्योगिक ने खेतीवाडी में विकास थई रयो आय. बारनूं अलग अलग भासा बोलधल माडु प कच्छमे अची ने रेला लगा अईं. हॅडे वखत मे पां पांजी भासा ने संस्कृति के संभार्यूं ही वधारे जरूरी थई व्यो आय. अमुक महत्व जा कार्य जे अज सुधी पूरा थई व्या हुणा खप्या वा ने जे अना बाकी अईं हेनमेजा जे मिणीयां वधारे महत्वजा अईं से नीचे लखांतो.

१. चोवी कलाक जो कच्छी टी.वी.चेनल
अज जे आधुनिक काल में जमाने भेरो हले जी जरूर आय. अज मडे टी.वी. ने ईंटरनेट सुधी पोजी व्यो आय. हॅडे मे पांजा कच्छी माडु कच्छी भासा मे संस्कृति दर्सन, भजन, मनोरंजन, हेल्थ जी जानकारी ने ब्यो घणें मडे नेरेला मगेंता ही सॉ टका सची गाल आय. हेनजे अभाव में पांजा छोकरा ने युवक पिंढजी ऑडखाण के पूरी रीते समजी सकें नता. खास करेने जे कच्छ जे बार रेंता हु कच्छी भासा ने संस्कृति थी अजाण थींधा वनेंता.
कच्छी टी.वी.चेनल ते चॉवी कलाक कच्छी भासा में अलग अलग जात जा प्रोग्राम जॅडीते न्यूज, सीरीयल, हास्य कलाकार, खेतीवाडी जा सवाल जवाब, भजन, योगा,….नॅरेला मलें त कच्छी माडु धोनिया में केडा प हुअें कच्छ हनींजे धिल जे नजीक रॅ ने कच्छ प्रत्ये ने कच्छी भासा प्रत्ये गर्व वधॅ. भेगो भेगो पिंढजी ऑडखाण मजबुत थियॅ. ही कार्य मिणींया महत्वजो आय.
२. स्कूल में १ थी १० सुधी कच्छी भासा जो अभ्यास
अज कच्छ जे स्कूल में बो भासाएँ में सखायमें अचॅतो गुजराती ने ईंग्लीस. कच्छी भासा जे पांजी मातृभाषा आय ने घणे विकसित आय ही हकडी प स्कूल नाय जेडा १ थी १० धोरण सुधी सखायमें अचींधी हुए. कच्छी भासा जे उपयोग के वधारे में अचॅ त ही कच्छीयें ला करे सारी गाल आय ने स्कूल में सखायमें अचे त हनथी सारो कोरो. भोज, गांधीघाम जॅडे सहेरें में जेडा बई कम्युनीटी ( गुजराती,सींधी,हींदीभाषी,….) जा माडु प रेंता होडा ओप्सनल कोर्स तरीके रखेमें अची सगॅतो. १ थी १० क्लास सुधीजो अभ्यासक्रम पांजा कवि, साहित्यकार ने शिक्षक मलीने लखें त हेनके स्कूल में सखायला कच्छी प्रजा मजबूत मांग करे सगॅती. जॅडीते गुजरात, महाराष्ट्र,…. मे मातृभासा जो अभ्यासक्रम त हुऍतोज.

(more…)

नये वरेजी वधायुं.साल मुबारक! सुभ डियारी ! मिणींके डियारी जी हार्दिक सुभेच्छाउं

जोतथी डीयो,
डीयेथी डीयारी
डीयारीथी आत्मा तंई,
हेज हुंभ पिरगटे,
थियॅ मिणीजो सुभ मंगल,
अंतरमनजो अंधीयारो मिट
पिरगटे ग्यान जोत.
मिणी के डीयारी ज्यूं सुभकामनाऊं

सुभ नवरात्री २०२२ ! Shubh Navratri 2022

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh ja Live darshan 2022 (www.matanamadh.org)
https://youtu.be/I-lerKHDduE

जय माताजी !
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

महाशिवरात्री जी वधांईयू

🌹 सुभेच्छाउं डीयूंता 🌹

🌹 सुभेच्छाउं डीयूंता 🌹
🌴सवंत २०७८🌴

नउं वरे विने न त्रांसो ,
एडी सुभेच्छाउं डीयूंता
नबरो भधले ऊ पासो,
एडी सुभेच्छाउं डीयूंता

नेढूं भनी भले विठा
जिजा नेढूं भनी रोजा
वरे रे आंजो खासो,
एडी सुभेच्छाउं डीयूंता

ऐयूं संसारी संसारमें रुंता
अचे पैयूं उपाधीयूं
मिले नसीभजो जासो
एडी सुभेच्छाउं डीयूंता

मंगधल अचे न ઑडा,
खीर में धूईने डेणा
कारतकथी अचे आसो,
एडी सुभेच्छाउं डीयूंता

मान मरतबो मिले जिजो
चमके अभमें कांत तारो
मथे गरुकृपाजो चांसो
एडी सुभेच्छाउं डीयूंता

आयो अज नउं वरे

आयो अज नउं वरे
(ढाळ- झीणो झीणो उडे रे गुलाल )
खिली खिली मिली गिनूं पां,
आयो अज नउं वरे
बख विजी मिली गिनूं पां,
आयो अज नउं वरे…

सतोतेर विईने , अठोतेर आवई
विक्रम संवतजी, साल भधलाई
डटो नउं लगाई गिनूं पां,
आयो अज नउं वरे

सूकनमें मीठो, उथी गिनूतां
भांक फूटे ने , सड सूणूंता
मीठो गिनी वधाई गिनूं पां,
आयो अज नउं वरे

गडा भरीने , हुंभ ठलायूं
हाल पुछीने , हेत वतायूं
हींयारी से भिंजाई गिनूं पां
आयो अज नउं वरे

संसार चकीमें, अटो पीसायूं
कांत आतमके, अना भीसायूं
गुरु वाणी पिराई गिनूं पां
आयो अज नउं वरे

शुभ डीयारी ! साल मुबारक!

मिणींके शुभ धनतेरस

मिच्छामी दुक्कडम

*क्षमा…समा…खमा…*
******************
*हलधे, चलधे, बोलधे*
*करीयांतो आंऊ भुलूं*
*डिसा नतो आंऊ कीं*
*नॅरीयांतो बेंज्यूं भुलूं*
*अज सवंत्सरी जे डीं*
*भुलूं हिकडे઼बेंज्यूं भुलूं*
*वसंत अज धिलसें मिलूं*
*खमाईयूं पां भुलीने भुलूं*
💐💐💐💐💐💐💐
———————————– *वसंत मारू…चीआसर जा*
🙏 *मिच्छामी दुक्कडम*🙏

शुभ गणेश चतुर्थी