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गणेश चतुर्थी जी मिणींके शुभेच्छा

Kachchhi Ganesh Chaturthi

सजो डीं संभारीयां

अशाढी बीजजी घणें वधायुं 🍨 साल मुबारक!

कच्छी नउं वरे
———————
बीज जे चंधरतां आसाड उतरे,
पालर वडरें जे पडरेंतां नितरे.

कामाय डिसीनॅ वग઼डो पाछो वरे,
खेतर खिली खीडू઼एं के नૉतरे.

न्यारे इंधरलठके नॅ रण प्यो ठरे,
मॅनथ भेराभेर, माडू઼ मन जोतरे.

चૉपा चरॅं जीव मातर सौको परे,
तराके करे तिलक टुबण पिई तरे.

नयें वरेमें, कच्छी नईं आस भरे,
मोरजी पीछीसें नां चितर चितरे.

अमृताबा डी.जाडेजा.
तुंबडी कच्छ

घणें…अईं

*🔹 घणें…अईं

धरध मिंज तां
खुसीयूं बारा घणें अईं
फिटी पिईयूं वाटूं
तॉय टारा घणें अईं

मुंजधल मुंजे पॅआ
मजधार विचमें
पुजणूं वे पार तेंला
आरा घणें अईं

कांसाईयें जी वस्तीमें
हूंधो चुण डींधल
हित जाडें तें पखीयें
जा मारा घणें अईं

अंधारीयें में उली व्यो
चंधर तॉय कुरो
निंढा अभ तें चमकधल
तारा घणें अईं

धोंखो कॅडो घुची वेओ
घा हिकडो तेंजो
ही रांध आय ईनमें तां
वारा घणें अईं

भुछें सें भरॅली
सजी धुनीयां *’कसभी’*
अञां गोते लजों तां
माडू सारा घणें अईं

🔹हरेश दरजी ‘कसभी’
नलीया कच्छ

मिणींके हॅप्पी होरी

गर्व मुजी कच्छी ते

गर्व मुजी कच्छी ते

बोलणुं कच्छी
लिखणुं कच्छी
हलणुं कच्छी
वेणुं कच्छी
खाणुं कच्छी
पियणुं कच्छी
रमणुं कच्छी
सुमणुं कच्छी
नॅरणुं कच्छी
मिठास कच्छी
खारास कच्छी
धोस्ती कच्छी
धुसमनी कच्छी
मेनत कच्छी
सुरो कच्छी
बरुंको कच्छी
सफड कच्छी
गुरधल कच्छी
पिरेमी कच्छी
वतन कच्छी
जीत वे कच्छी
मेडावो कच्छी
‘सुरु’ कच्छी
गर्व से चॉयॉ
आऊं कच्छी

मातृभासा डीं जी मिणीके खूब खूब वधाई

सुरेन्द्र हरीआ ‘सुरु’
भोजाय

कच्छी साहित्य मंडळ आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्र्म 5th Feb 2023

समो जी वाट नॅर

साबीत केला
सचाईके तूं कॅनी
जिध म कर
सचो थींधो कभूल
समो जी वाट नॅर
– वसंत मारू…चीआसर

कितक बेंजी खामी नॅरणी
कितक कॅंजो खोटो सुणणूं
ईज त आय वसंत पिंढके
खोटी वाट ते पग के मंढणूं
– वसंत मारू…चीआसर

नये वरेजी वधायुं.साल मुबारक! सुभ डियारी ! मिणींके डियारी जी हार्दिक सुभेच्छाउं

जोतथी डीयो,
डीयेथी डीयारी
डीयारीथी आत्मा तंई,
हेज हुंभ पिरगटे,
थियॅ मिणीजो सुभ मंगल,
अंतरमनजो अंधीयारो मिट
पिरगटे ग्यान जोत.
मिणी के डीयारी ज्यूं सुभकामनाऊं

सुभ नवरात्री २०२२ ! Shubh Navratri 2022

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||

Mata je madh ja Live darshan 2022 (www.matanamadh.org)
https://youtu.be/I-lerKHDduE

जय माताजी !
या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभेतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु छायारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

यादेवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: